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झूठी सूचनाऐं देने पर जुर्माना और हो सकती है सजा-शिवानी जैन एडवोकेट

शिवानी जैन एडवोकेट की रिपोर्ट

झूठी सूचनाऐं देने पर जुर्माना और हो सकती है सजा-शिवानी जैन एडवोकेट

 

आल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि झूठी शिकायतें, झूठी सूचनाऐं प्रदान करना या फर्जी दस्तावेज लगाना इन सभी को कानून बहुत गंभीरता से लेता है। धारा 182 के अंतर्गत जुर्माना या कारावास या फिर दोनों प्रकार से दंडित किया जा सकता है ।

थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि यदि कोई सरकारी व्यक्ति या अधिकारी झूठी सूचनाऐं, गलत तथ्य प्रस्तुत करता हुआ पाया जाता है तो वेतन वृद्धि रुकने के साथ-साथ निलंबित भी हो सकता है।

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मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं प्राचीन मानवाधिकार काउंसिल सदस्य डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी,डॉ राजेंद्र कुमार जैन, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ अंजू लता जी, अनामिका सैनी एडवोकेट, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि जब ज्ञात गलत सूचना जानबूझकर और जानबूझकर प्रसारित की जाती है तो गलत सूचना का उपयोग दुष्प्रचार पैदा करने के लिए किया जा सकता है। फर्जी समाचार ” को कभी-कभी एक प्रकार की दुष्प्रचार के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

झूठी गवाही देना भी एक आपराधिक कृत्य है।

उन्होंने कहा कि सूचनाओं को रोके रखने के लिए भी, या गलत सूचनाऐं देने पर दंडित किया जा सकता है। क्योंकि एक गलत सूचना किसी के भी जीवन को तबाह कर सकती है। या यू कहें कि कैरियर को भी।किसी व्यक्ति या संस्था की छवि को नुकसान पहुँचाना या लोगों को उसके विरुद्ध झूठी खबर के ज़रिये भड़काने की कोशिश करना भी शामिल है।

इसलिए यदि आपको सही तथ्यों की जानकारी नहीं है तो आप झूठी सूचनाएं देने से बचें।

शिवानी जैन एडवोकेट

डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ

AKHAND BHARAT NEWS

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